Author by : Prem Chowdhry
Translated by : Ramnik Mohan
Aakar Books 2022
Language: Hindi
392 Pages
Price INR 595.0 Price USD 29.75
गहन शोध पर आधारित इस पुस्तक में पिछले करीब सवा सौ साल के आर-पार वर्तमान हरियाणा की महिलाओं में प्रचलित घूँघट प्रथा का जायज़ा लिया गया है। पितृसत्तात्मक सामाजिक ढांचे के दायरे में महिला-पुरुष सम्बन्धों के लगातार बदलते समीकरणों का भी विश्लेषण किया गया है जो प्रदेश की भौगोलिक तथा निरन्तर बदलती सामाजिक-सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, आर्थिक, राजनैतिक परिस्थितियों को अपने संज्ञान में लेता है। इस सब के केन्द्र में, घूँघट प्रथा के बन्धनों के बीच रहते हुए उन से जूझती और अपने स्वतन्त्र अस्तित्व के लिए रास्ते तलाशती महिला है। घूँघट की मजबूरियों के बीच जी रही महिला की स्थिति का चित्रण मौखिक इतिहास, लोक-साहित्य, लोक-रीतियों एवं परम्पराओं के आलोक में साक्षात्कारों, लोकोक्तियों, लोक-गीतों, लोक-कथाओं, प्रचलित कहावतों आदि का भरपूर प्रयोग करते हुए किया गया है। PREM CHOWDHRY प्रेम चौधरी दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध भूतपूर्व प्रोफ़ेसर तथा नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एन.एम.एम.एल.), तीन मूर्ति, नई दिल्ली की भूतपूर्व फ़ेलो हैं। उपनिवेशीय तथा समकालीन भारत में जेण्डर, राजनीतिक अर्थशास्त्र, समाज तथा प्रचलित संस्कृति से सम्बद्ध विषयों पर उनकी गहन शोध आधारित छः पुस्तकें अंग्रेज़ी में प्रकाशित हो चुकी हैं। दो पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। उनके लेख अंग्रेज़ी की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं।