Author by : Avijit Pathak
Aakar Books 2013
Language: Hindi
152 Pages
Price INR 250.0 Price USD 15.0
आधुनिकता, भूमंडलीकरण और अस्मिता के बारे में पहले ही काफी कुछ लिखा जा चुका है। लेकिन यह पुस्तक कई मायने में अलग है। इसकी चिंतनशीलता, इसके द्वारा उठाए गए सामाजिक-नैतिक प्रश्न और जिस ढंग से यह हमें हमारे अपने संदेह और जीवन के अनुभवों का सामना करने में सक्षम बनाती है, इसकी खासियत है। इसमें समकालीन समाजशास्त्रीय साहित्य और सृजनात्मक कल्पनाशीलता के विभिन्न स्रोतों का उपयोग किया गया है। यह हमारे अपने सामाजिक यथार्थ की विशिष्टता-भारतीय आधुनिकता की दिशा और अस्मिता की राजनीति-के द्वंद्व के प्रति काफी संवेदनशील है। अपनी तर्कपरक शैली से यह मानवीय आधुनिकता की वकालत करती है और असमान भूमंडलीकरण के विरूद्ध प्रतिरोध की व्यापक कला की संभावना का विश्लेषण करती है तथा अपेक्षाकृत अधिक खुले और संवादपरक समाज के निर्माण के लिए प्रयास करती है जो विभाजित अस्मिताओं से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करता है। यह पुस्तक समाजशास्त्रियों, समाजसेवियों और उन सभी के लिए उपयोगी है जो आलोचनात्मकता और चिंतनशीलता को महत्व देते हैं।