पवित्र गाय का मिथक
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इस पुस्तक में डीएन झा ने गाय की पवित्रता के मिथक का खंडन किया और प्राचीन भारत में गोमांस के उपयोग की ऐतिहासिकता को तथ्यों और प्रमाणों के साथ सिद्ध किया.
इस क्रम में, डीएन झा ने हिंदू, जैन और बौद्ध परंपरा से जुड़े धार्मिक ग्रंथों के साथ-साथ संस्कृत, पाली और प्राकृत साहित्य का भी विशद अध्ययन किया और अपने तर्क के पक्ष में अकाट्य प्रमाण प्रस्तुत किए. डीएन झा ने लिखा कि गाय की पवित्रता से जुड़े मिथक और गाय के प्रति श्रद्धा का इस्तेमाल सांप्रदायिक दलों द्वारा हिंदुओं की सांप्रदायिक अस्मिता गढ़ने के लिए किया गया. उनके अनुसार वैदिक और उत्तर-वैदिक काल तक गाय या दूसरे दुधारू पशु पवित्र पशु की श्रेणी में नहीं रखे गए थे.