प्राचीन विश्व में विज्ञान और दर्शन
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...प्राकृतिक विज्ञान के लिए पहला असाधारण कदम वास्तव में प्राचीन भारत में उठाया गया था। यह समय सम्भवतः बुद्ध से थोडा पहले का था। इसके साथ ही यह भी तथ्य है कि पारम्परिक भारत में प्राकृतिक विज्ञान बहुत शुरुआती या अल्पविकसित स्थिति से आगे विकसित नहीं हुआ। जाहिर है कि इसके विकास को रोकने वाला कोई बहुत मजबूत कारक मौजूद रहा होगा।
इसलिए इस शोध पत्र में उस ताकत को पहचानने की कोशिश की गयी है जो प्राचीन भारत में प्राकृतिक विज्ञान के विकास के प्रतिकूल साबित हुई। यह तर्क दिया जाता है कि प्राचीन भारत में विज्ञान को अपाहिज बनाने वाला प्रमुख कारक राजनीतिक था।