Nazeer Akabarabadi
Nazeer Akabarabadi
नज़ीर अकबराबादी साहब उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं. समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी नज़ीर साहब के यहां कविता में तब्दील हो गई. पूरी एक पीढ़ी के तथाकथित साहित्यालोचकों ने नज़ीर साहब को आम जनता की शायरी करने के कारण उपेक्षित किया - ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी तुच्छ वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को ये सज्जन कविता मानने से इन्कार करते रहे. वे उनमें सब्लाइम एलीमेन्ट जैसी कोई चीज़ तलाशते रहे जबकि यह मौला शख़्स सब्लिमिटी की सारी हदें कब की पार चुका था. बाद में नज़ीर साहब के जीनियस को पहचाना गया और आज वे उर्दू साहित्य के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं.
मीर तक़ी ' मीर ' के समकालीन अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली , दीवाली , श्रीकृष्ण और चूहों का अचार पर नज़्मों के लिए मशहूर.
Karen Gabriel
Karen Gabriel is associate professor in the department of English, St. Stephen's College, University of Delhi. She has written extensively on issues of gender, sexuality, nation and representation.
Joel Kovel
Joel Kovel has been Alger Hiss Professor of Social Studies at Bard College, Annandale, New York, since 1988. His books include Red Hunting in the Promised Land (1997), History and Spirit (1998), In
Utsa Patnaik and Prabhat Patnaik
Utsa Patnaik and Prabhat Patnaik are Professors Emerita and Emeritus respectively at the Centre for Economic Studies and Planning, School of Social Sciences at Jawaharlal Nehru University. They a
N. P. Fedorenko
N/ASucheta Majumdar
N/APaul Rabinow
N/ASigmund Freud
Sigmund Freud (6 May 1856 – 23 September 1939) was an Austrian neurologist, now known as the father of psychoanalysis.