लाद चलेगा बंजारा

9789380441627

New Delhi , 2019

Language: Hindi

216 pages

Price INR 150.00
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LWB1307

Nazeer Akabarabadi

नज़ीर अकबराबादी साहब उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं. समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी नज़ीर साहब के यहां कविता में तब्दील हो गई. पूरी एक पीढ़ी के तथाकथित साहित्यालोचकों ने नज़ीर साहब को आम जनता की शायरी करने के कारण उपेक्षित किया - ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी तुच्छ वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को ये सज्जन कविता मानने से इन्कार करते रहे. वे उनमें सब्लाइम एलीमेन्ट जैसी कोई चीज़ तलाशते रहे जबकि यह मौला शख़्स सब्लिमिटी की सारी हदें कब की पार चुका था. बाद में नज़ीर साहब के जीनियस को पहचाना गया और आज वे उर्दू साहित्य के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं.

मीर तक़ी ' मीर ' के समकालीन अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली , दीवाली , श्रीकृष्ण और चूहों का अचार पर नज़्मों के लिए मशहूर.