तनी हुई रस्सी पर

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संजय कुंदन की कविता वर्तमान में हमारे चारों तरफ घटित हो रहे विद्रूपों, विपर्ययों और रूपान्तरणों की बाहरी-भीतरी तहों, उनकी छिपी हुई परतों में जाती है और एक ऐसा परिदृश्य तामीर करती है जिसमें हम राजनीतिक सत्ता-तन्त्रों, तानाशाह व्यवस्थाओं की क्रूरता, धूर्तता और ज़्यादातर मध्यवर्गीय संवेदनहीनताओं को हलचल करते देख सकते हैं।

Sanjay Kundan

कागज के प्रदेश में, चुप्पी का शोर, योजनाओं का शहर और तनी हुई रस्सी पर संजय कुंदन के कविता संग्रह हैं। बॉस की पार्टी और श्यामलाल का अकेलापन उनके कहानी संग्रह हैं जबकि टूटने के बाद और तीन ताल उनके उपन्यास। उन्हें भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार, विद्यापति पुरस्कार और बनारसी प्रसाद भोजपुरी पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने जॉर्ज ऑरवेल की एनिमल फार्म, रिल्के की लेटर्स ऑन सेज़ां और विजय प्रशाद की वॉशिंगटन बुलेट्स का हिंदी में अनुवाद किया है।