Persepolis

978-93-8740-951-4

Vani Prakashan, New Delhi, 2021

Language: Hindi

344 pages

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मार्जान सतरापी ईरान के अन्तिम सम्राट की पर-पोती और प्रगतिशील व मार्क्सिस्ट माता-पिता की बेटी होने के नाते ख़ुद विदुषी, स्पष्टवादी और लोकतान्त्रिक सोच की धनी हैं। वे अपने देश के अनोखे इतिहास की साक्षी हैं जिसे उन्होंने बचपन से क़रीब से जाना है। 'पर्सेपोलिस' ईरान के घरेलू दैनिक जीवन और सार्वजनिक राजनीतिक जीवन के बीच के द्वन्द्वपूर्ण विरोधाभासों का एक अविस्मरणीय चित्र है। यह एक अत्यन्त ख़ूबसूरत और अन्तरंग कहानी है जो त्रासदियों, व्यंग्य, मार्मिक अनुभवों से भरी हुई है-खुरदुरेपन से लबरेज़, ईमानदार और आश्चर्यजनक सत्य को सामने लाने वाली। विश्व का यह पहला सचित्र उपन्यास है जिसकी करोड़ों प्रतियाँ पाठकों ने पढ़ी हैं। अब पहली बार हिन्दी में उपलब्ध है। / ऊँची कला गहरी बात सहज ही कह देती है। आपके हाथ में ऐसी ही एक रचना है। कहने को यह एक सचित्र आत्मकथा है पर यह केवल मार्जान सतरापी की या ईरान की ही बात नहीं है। इसमें हर किसी को अपना बिम्ब दिखता है। कठिन और जटिल बातें यूँ ही उजागर हो जाती हैं। इस कालजयी रचना का यह उम्दा अनुवाद हिन्दी में सचित्र उपन्यासों का रास्ता खोलेगा। -सोपान जोशी, पत्रकार और लेखक