पुस्तक प्रदेश

(कहानियां और सं स्मरण)

Ibbar Rabbi

978-93-92017-06-3

वाम प्रकाशन, New delhi, 2022

Language: Hindi

138 pages

5.5 x 8.5 inches

Price INR 250.00
Book Club Price INR 175.00
INR 250.00
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LWB1424

इब्बार रब्बी की कहानियां संस्मरण और कहानी के बीच आवाजाही करती रहती हैं। उनमें कहानी के बने-बनाए ढांचे में समा जाने की ज़रा भी ललक नहीं दिखाई देती। शायद यही वजह है कि ये कहानियां समकालीन कहानी के मुहावरे से बिल्कुल अलग हैं। ये व्यक्ति के मन की थाह लेती हैं और उसके अंधेरे कोनों में प्रवेश करती हैं। इनके केंद्र में ज़्यादातर एक किशोर है, जो अपने आसपास के परिवेश को लेकर काफ़ी जिज्ञासु और शंकालु भी है। ख़ासकर व्यक्तियों को लेकर उसके भीतर तरह-तरह के प्रश्न हैं, अनेक तरह की अपेक्षाएं हैं। जब वे टूटती हैं, तो वह अस्थिर हो उठता है।

उसके द्वंद्व को इब्बार रब्बी ने बड़े कलात्मक ढंग से व्यक्त किया है। उसकी प्रेमाकांक्षा उसके मन-मस्तिष्क को किस तरह झकझोरती है और वह अपने आंतरिक संसार में किस तरह उखाड़-पछाड़ खाता है, इसका बड़ा रोचक चित्रण हुआ है। इस क्रम में हमारे क़स्बों का निम्नमध्यवर्गीय जीवन भी उभरकर आता है। उसकी कुंठाएं और सामंती जकड़न भी सामने आती है। पितृसत्ता और उसकी परपीड़क मानसिकता भी बेनक़ाब होती है।

फैंटेसी रचने में इब्बार रब्बी माहिर हैं। शीर्षक कहानी 'पुस्तक प्रदेश' में एक अद्भुत प्रयोग है। यह किताबों के नाम जोड़-जोड़कर रची गई है। इसमें हिंदी साहित्य की करीब पांच सौ कृतियों के नाम आते हैं। इस संग्रह में इब्बार रब्बी का एक संस्मरण भी है, जिसमें उनके बचपन की छवियां हैं। इसमें जो वास्तविक पात्र हैं, वे किसी कहानी के चरित्र से कम नहीं हैं।

Ibbar Rabbi

पेशे से पत्रकार रहे इब्बार रब्बी का मूल नाम रवीन्द्र प्रसाद है। खाँसती हुई नदी, घोषणापत्र, लोगबाग, वर्षा में भीगकर उनके प्रमुख कविता संग्रह हैं। कविता के लिए उन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली का साहित्यकार सम्मान, विजय देव नारायण साही सम्मान, शमशेर सम्मान, कविता समय और राजकमल चौधरी सम्मान आदि मिल चुके हैं। वह दलितों-आदिवासियों के बीच सक्रिय रह चुके हैं।