किसान आंदोलन
खेती किसानी को कॉर्पोरेट कारोबारियों की मुनाफखोरी के हवाले करने के लिए तुरंत फुरत अंदाज़ में बने गए तीन कानूनों को वापस लेने के लिए करीबन साल भर चला आंदोलन किसंब आंदोलनों के लम्बे इतिहास के सबसे गौरवशाली अध्यायों में शुमार किया जाएगा! खास तौर पर इसिलए कि सत्ता के नशे में मदहोश मगरूर भाजपा सर्कार को इसने उन तीन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया! और यह ऐसे वक़्त हुआ जब विपक्षी पार्टियां बेअसर हो चुकी थी और उनके और भाजपाई अजेंडे में कोई खास फर्क नहीं रह गया था!
इस आंदोलन का करीबी से अध्ययन करने वाले विद्वानों में जाने माने अर्थशास्त्री अमित बहादुरी भी थे! आंदोलन के दौरान उन्होंने कुल ग्यारह लेख लिखे! इसमें उन्होंने आंदोलन के राजनितिक आर्थिक सन्दर्भ, आंदोलन कि खासियतों और पहलकदमियों कि चर्चा भी कि! किसान आंदोलन फिलवत स्थगित हो गया है! लेकिन ये लेख उपयोगी बने रहेंगे!