आज़ादी की कहानी
आज़ादी की कहानी का यह संस्करण मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की तीसवीं पुण्यतिथि के बाद प्रकाशित उनकी मूल अंग्रेज़ी पुस्तक इंडिया विन्स फ्रीडम के दूसरे और संपूर्ण संस्करण का हिंदी अनुवाद है। यह मौलाना आज़ाद की आत्मकथा मात्र न होकर भारतीय इतिहास का एक अध्याय है। यह कृति मौलाना आज़ाद की देश के प्रति समर्पित भावना एवं राष्ट्रीय संघर्ष की गतिविधियों और परिस्थितियों में उनकी प्रतिक्रियाओं की अभिव्यक्ति है।
इस पुस्तक का संक्षिप्त मूल अंग्रेज़ी संस्करण सर्वप्रथम 1959 में प्रकाशित हुआ। उस समय कुछ ऐसे प्रसंग भी आए थे जिन्हें यशस्वी लेखक ने अपनी मृत्यु के बाद 30 वर्षों तक राष्ट्रीय पुस्तकालय, कलकत्ता एवं राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली में सीलबंद रखवाना अपेक्षाकृत बेहतर समझा और पांडुलिपि का संशोधित एवं संक्षिप्त मसविदा ही प्रकाशन हेतु भेजा। 22 फरवरी 1988 को मौलाना आज़ाद की तीसवीं पुण्यतिथि के बाद 22 सितंबर 1988 को न्यायालय के आदेशानुसार सनसनीखेज सामग्री - युक्त संपूर्ण अंग्रेज़ी ग्रंथ अक्तूबर 1988 में प्रकाशित किया गया। प्रस्तुत संस्करण इसी संपूर्ण ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है। पाठकों की सुविधा के लिए सभी सनसनीखेज वाक्यांशों और लेखांशों के प्रारंभ एवं अंत में तारक-चिह्न लगा दिए गए हैं।
प्रस्तुत कृति का विषय इतना रोचक एवं मनोग्राही है कि प्रत्येक भारतीय उसे पढ़ने को लालायित होगा और जिन पाठकों ने इसका पूर्व संस्करण पढ़ा है वे सुधी पाठक दोनों में परस्पर अंतर खोज सकेंगे एवं जिन पाठकों ने पूर्व संस्करण नहीं पढ़ा है वे इसका आनंद अभिनव पुस्तक के रूप में उठाएंगे।
हममें से बहुत से पाठक तत्कालीन (1935-48) घटनाओं और व्यक्तियों के विषय में मौलाना आज़ाद के विचारों से सहमत न हों, किंतु जिस स्पष्टवादिता, साहस और ईमानदारी के साथ उन्होंने लिखा है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है।