अपनों के बीच अजनबी

978-93-92017-00-1

वाम प्रकाशन, New Delhi, 2022

Language: Hindi

162 pages

5.5 x 8.5 inches

Price INR 225.00
Book Club Price INR 160.00
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LWB1296

क्या मुस्लिम नौजवान ‘लव जेहाद’ करना चाहते हैं?

क्या मुसलमान कश्मीरी आतंकियों का समर्थन करते हैं?

क्या मुस्लिम मोहल्ले ‘मिनी पाकिस्तान’ होते हैं?

ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो आजकल अल्पसंख्यकों से अकसर पूछे जा रहे हैं। यही नहीं, उनके रहन-सहन, रीति-रिवाजों का उपहास किया जा रहा है और देश के प्रति उनकी निष्ठा पर भी उँगली उठायी जा रही है। यह काम बहुसंख्यक वर्ग का एक ख़ास तबक़ा कर रहा है। उसका मकसद पूरे समाज में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रति नफ़रत पैदा करना है।

यह किताब ऐसे माहौल में अल्पसंख्यक वर्ग के एक युवा की मनोदशा को सामने लाती है। इसमें लेखक ने उन सवालों और आरोपों के जवाब तार्किक रूप से दिये हैं जिनसे अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ फैलायी जा रही अफ़वाहों और धारणाओं का सच सामने आता है। यह किताब सिर्फ़ अल्पसंख्यकों की नहीं, उन सबकी भी आवाज़ है जो भारत को समरसता की भूमि के रूप में देखते हैं और धर्मनिरपेक्षता तथा समानता जैसे संवैधानिक मूल्यों के प्रति आदर का भाव रखते हैं।

Farid Khan

फ़रीद ख़ाँ पटना में पले-बढ़े हैं। लगभग बचपन से ही पटना इप्टा से जुड़े रहे। पटना विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए करने के बाद लखनऊ के भारतेंदु नाट्य अकादमी से नाट्य-कला में स्नातक। कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। दो नाटकों का लेखन जिन्हें पटना में इप्टा और नट-मंडप ने मंचित किया। अभी मुंबई में टीवी और फिल्मों में पटकथा लेखक के रूप में सक्रिय।


Naseeruddin Shah

Naseeruddin Shah is a theatre actor and director, founder of the theatre company Motley, and a film actor. He is the recipient of numerous awards, including the Sangeet Natak Akademi Award, three National Film Awards, three Filmfare Awards, and an award for Best Actor at the Venice Film Festival. He is the author of And Then One Day: A Memoir.