Nazeer Akabarabadi
Nazeer Akabarabadi
नज़ीर अकबराबादी साहब उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं. समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी नज़ीर साहब के यहां कविता में तब्दील हो गई. पूरी एक पीढ़ी के तथाकथित साहित्यालोचकों ने नज़ीर साहब को आम जनता की शायरी करने के कारण उपेक्षित किया - ककड़ी, जलेबी और तिल के लड्डू जैसी तुच्छ वस्तुओं पर लिखी गई कविताओं को ये सज्जन कविता मानने से इन्कार करते रहे. वे उनमें सब्लाइम एलीमेन्ट जैसी कोई चीज़ तलाशते रहे जबकि यह मौला शख़्स सब्लिमिटी की सारी हदें कब की पार चुका था. बाद में नज़ीर साहब के जीनियस को पहचाना गया और आज वे उर्दू साहित्य के शिखर पर विराजमान चन्द नामों के साथ बाइज़्ज़त गिने जाते हैं.
मीर तक़ी ' मीर ' के समकालीन अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली , दीवाली , श्रीकृष्ण और चूहों का अचार पर नज़्मों के लिए मशहूर.
Franz Marek
N/AFederico Demaria
Federico Demaria is with Autonomous University of Barcelona, and co-editor of Degrowth: A Vocabulary for a New Era.
Prem Chowdhry
प्रेम चौधरी दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध भूतपूर्व प्रोफ़ेसर तथा नेहर
Hedrick Smith
N/AKenneth Grahame
N/AKavita Panjabi
Kavita Panjabi is professor, department of Comparative Literature and Co-ordinator, Centre for Studies in Latin American Literatures and Cultures, Jadavpur University.
Judith Squires
Judith Squires is joint editor of Cultural Remix: Theories of Politics and the Popular (L&W 1993), and was, until 1997, editor of New Formations. She lectures in the politics department at the