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  1. "अलीगढ़ उस मिज़ाज का शहर नहीं रहा जो हमारे दौर में था": 'ज़ीरो माइल अलीगढ़' के लेखक जयसिंह से बातचीत
    16
    Mar

    "अलीगढ़ उस मिज़ाज का शहर नहीं रहा जो हमारे दौर में था": 'ज़ीरो माइल अलीगढ़' के लेखक जयसिंह से बातचीत

    अलीगढ़ की कौन सी चीज है जिसे आप सबसे ज्यादा मिस करते हैं?मैं पूरे अलीगढ़ को ही मिस करता हूं। मगर सबसे ज्यादा मिस करता हूं उस माहौल को, जो पहले जैसा बिल्कुल नहीं। अलीगढ़ की नुमाइश, जिसका हर अलीगढ[...]
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  2. The students not only defended the right to education, but they also defended the essence of democracy.
    08
    Feb

    The students not only defended the right to education, but they also defended the essence of democracy.

    1.  Why did you write this book? The motivation to bring out this volume stems from the students’ movement, particularly from 2014 to 2019, which fought a hard battle to restate the essence and the purpose of modern education, and the need to have an active community of critical intellectuals who would not remain quiet against oppression and injustice. The students not only defended the right to education, but they also defended the essence of democracy – which is the presence of cr[...]
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  3. भगत सिंह और उनके साथी बचपन से हमारे नायक रहे हैं
    01
    Feb

    भगत सिंह और उनके साथी बचपन से हमारे नायक रहे हैं

    भगत सिंह के साथी के लेखक प्रबल सरन अग्रवाल से बातचीत इस किताब को लिखने का विचार कैसे आया? भगत सिंह और उनके साथी बचपन से ही हम लोगों के नायक रहे हैं। इन्हीं लोगों की विचारधारा पर चलते हुए हम ल[...]
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  4. ‘मेरठियों पर ख़ुद को साबित करने का दबाव नहीं’ – ‘ज़ीरो माइल मेरठ’ के लेखक भुवेन्द्र त्यागी से बातचीत
    20
    Jan

    ‘मेरठियों पर ख़ुद को साबित करने का दबाव नहीं’ – ‘ज़ीरो माइल मेरठ’ के लेखक भुवेन्द्र त्यागी से बातचीत

    मेरठ की वह कौन सी चीज है जिसे आप सबसे ज्यादा याद करते हैं?मेरठ की सड़कें, बाजार, पुराने शहर के सटे-संकरे मोहल्ले, भीड़, कहीं तक भी जा पहुंचतीं गलियां, घंटाघर, पुरानी तहसील, जिमखाना मैदान, विक्टोर[...]
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  5. ‘किताब की बात पर मेरी पत्नी सहम गई’ – अपनों के बीच अजनबी के लेखक फ़रीद ख़ाँ से बातचीत
    05
    Jan

    ‘किताब की बात पर मेरी पत्नी सहम गई’ – अपनों के बीच अजनबी के लेखक फ़रीद ख़ाँ से बातचीत

    अपनों के बीच अजनबी लिखने के दौरान कोई ऐसी बात सामने आई, जिसने चौंका दिया हो या जिससे झटका लगा हो?लिखने के दौरान मैंने कई लोगों से विशेष कर मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात की थी, जिनकी बातचीत किता[...]
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